Join WhatsApp GroupJoin Now
Join Telegram GroupJoin Now

भारत के प्रमुख क्रांतिकारी | Bharat Ke Krantikari Notes PDF

भारत के प्रमुख क्रांतिकारी | Bharat Ke Krantikari Notes PDF: भारतीय इतिहास की इस पोस्ट में भारत के प्रमुख क्रांतिकारियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी एवं नोट्स उपलब्ध करवाए गए है जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहद ही उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है, Revolutionary of india in hindi

भारत के प्रमुख क्रांतिकारी

बंकिमचन्द्र चटर्जी

◆ जन्म – 1838 (बंगाल में)
◆ प्रमुख रचना राजमोहन्स वाइफ है। जो अंग्रेजी में है।
◆ बंगला भाषा में प्रथम उपन्यास – दुर्गेश नन्दिनी।
◆ मुख्य उपन्यास – आनन्द मठ (इसमें 1772 के सन्यासी विद्रोह का वर्णन है)
◆ भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम इसी उपन्यास से लिया गया है।
◆ अंतिम उपन्यास – सीताराम
◆ अन्य रचनाएं – देवी चौधराईन, विष वृक्ष, मृणालिनी, कपाल कुण्डला आदि।

वीर विनायक दामोदर सावरकर (वी.डी. सावरकर)

◆ इनका जन्म 1833 में महाराष्ट्र में हुवा।
◆ इन्होंने 1899 में मित्र मेला नामक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की थी।
◆ 1904 में इसका नाम बदलकर अभिनव भारत कर दिया गया।
◆ 1906 में इंग्लैंड गए और वहां इंडिया हाउस को अपनी गतिविधियों का केंद्र बनाया।
◆ 1857 की क्रांति को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहने वाले प्रथम व्यक्ति थे।
◆ इन्होंने ‘द बार ऑफ इंडियन इंडिपेंडेंस’ यह किसी भारतीय द्वारा लिखी गयी पहली पुस्तक है जो प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दी गयी।
◆ इस पुस्तक को पिकवीक पेपर्स तथा स्कॉट पेपर्स के नाम से प्रकाशित किया गया था।
◆ इन्ही की प्रेरणा से 1909 में मदनलाल ढींगरा ने लंदन में भारत सचिव के राजनीतिक सलाहकार कर्जन विलियम वाइली की हत्या कर दी गई।
◆ 1909 में सावरकर की प्रेरणा से ही अनन्त लक्ष्मण कान्हरे ने नासिक (महाराष्ट) के जिला जज जैक्सन की हत्या कर दी। इस घटना को नासिक षड्यंत्र केस के नाम से जाना जाता है।
◆ नासिक षड्यंत्र केस के अभियोग में ही वीर सावरकर 1910-34 तक अण्डमान की सेलुलर जेल में कैद रहे थे।
◆ एकमात्र भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्हें दो जन्मों के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गयी थी।
◆ वर्तमान में पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे के नाम सावरकर हवाई अड्डा कर दिया गया है।

यह भी पढ़ें>> प्राचीन भारत में शिक्षा का विकास

विपिनचन्द्र पाल

◆ इन्होंने तीन समाचार पत्रों का प्रकाशन किया – स्वराज (इंग्लैंड), वन्दे मातरम, न्यू इंडिया (भारत)
◆ वन्दे मातरम समाचार पत्र अरविन्द घोष तथा लाला लाजपतराय का भी मिलता है।
◆ न्यू इंडिया नाम से एनिबिसेन्ट ने भी समाचार पत्र का प्रकाशन किया है।

बाल गंगाधर तिलक

◆ इनका जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुवा।
◆ 1889 के कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन (5 वां) में पहली बार भाग लिया था।
◆ 1881 में केसरी (मराठी भाषा) व मराठा (अंग्रेजी भाषा में) का प्रकाशन किया था।
◆ 1893 में गणपति उत्सव तथा 1896 में शिवाजी उत्सव मनाना प्रारम्भ किया था।
◆ 1897 में केसरी में लेख लिखने के कारण 1898 में इन्हें 18 माह की कारावास की सजा दी गयी। अतः ये भारत के प्रथम राजनैतिक कैदी माने जाते है। (Bharat Ke Krantikari Notes)
◆ केसरी में लेख लिखने के कारण ही 1908 से 1914 तक वर्मा माण्डले जेल में रहे।
◆ तिलक की मृत्यु 1 अगस्त 1930 को पूना में हुई।
◆ तिलक ने 1916 में पूना में होमरूल लीग की स्थापना की और होमरूल आन्दोलन का संचालन किया।
◆ तिलक द्वारा रचित पुस्तकें – गीता रहस्य, आर्कटिक होम ऑफ द वेदाज / आर्यन्स, वैदिक क्रोनोलॉजी एण्ड वेदान्त ज्योतिष, द ऑरियन।
◆ कथन – ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।’

लाला लाजपतराय

◆ इनका जन्म 1865 में लुधियाना में हुवा।
◆ इन्होंने द पिपल तथा वन्दे मातरम नामक समाचार पत्रों का प्रकाशन किया।
◆ यंग इंडिया, इंडिया डेन्ट टू इंग्लैंड, अन हैप्पी इंडिया, द आर्य समाज आदि पुस्तकों की रचना की।
◆ नोट – गांधीजी ने यंग इंडिया नामक समाचार पत्र का प्रकाशन किया।
◆ कथन – ‘अंग्रेज सर्वाधिक घृणा भिखारी से करता है। मैं समझता हूं भिखारी घृणा का पात्र है। अतः हम यह सिद्ध कर दे कि हम भिखारी नहीं है।’
◆ इन्होंने लाहौर में दयानंद एंग्लो वैदिक महाविद्यालय की स्थापना की थी।
◆ 1928 में लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन के दौरान इनको चोटें लगी परिणामस्वरूप 17 नवम्बर 1928 को इनकी मृत्यु हो गयी।
◆ कथन – ‘मेरे शरीर पर लगा प्रत्येक लाठी का वार ब्रिटिश साम्राज्य के लिए ताबूत में कील का काम करेगा।’

यह भी पढ़ें>> ब्रिटिशकालीन शिक्षा व्यवस्था

भगत सिंह

◆ जन्म – 1907 में पंजाब के लायलपुर में हुवा।
◆ कथन – मेरी मृत्यु मेरी वधू होगी, जो एक जुलूस के साथ बारात के रूप में आएगी।’
◆ भगतसिंह, छबीलदास व यशपाल आदि ने 1926 में लाहौर में नौजवान सभा की स्थापना की थी।
◆ भगतसिंह व चन्द्रशेखर आजाद ने 1928 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में हिंदुस्तान सोसलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन(HSRA) की स्थापना की।
◆ HSRA के सदस्यों भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु तथा चन्द्रशेखर आजाद ने 17 दिसम्बर 1928 को लाहौर में साण्डर्स की हत्या कर दी इस घटना को लाहौर षडयंत्र केस के नाम से जाना जाता है।
◆ HSRA के सदस्यों भगतसिंह व बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय विधानसभा में बम फैंका इस समय के केंद्रीय विधानसभा में पब्लिक सेफ्टी बिल व ट्रेक डिस्प्यूट बिल पर चर्चा हो रही थी।
◆ भगतसिंह ने इसी अवसर पर पहली बार इंकलाब जिंदाबाद का नारा का प्रयोग किया था।
◆ 23 मार्च 1931 को लाहौर षडयंत्र केस के आधार पर भगतसिंह को फांसी दी गयी थी। (साण्डर्स हत्या के कारण) भगतसिंह के साथ ही सुखदेव व राजगुरु को भी फांसी दे दी गयी।

चंद्रशेखर आजाद

◆ इनका जन्म 1906 में MP के झाबुआ में हुआ।
◆ क्रांतिकारियों में ये क्विक सिल्वर (पारा) के नाम से जाने जाते थे।
◆ 1924 में चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खाँ, राजेन्द्र लाहौडी और रोशन सिंह आदि ने कानपुर में हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन (HRA) की स्थापना की थी।
◆ 9 अगस्त 1925 को HRA के सदस्यों ने लखनऊ के समीप काकोरी नामक स्थान पर एट डाउन नामक ट्रेन से अंग्रेजी खजाने (सरकारी खजाने) को लूटा। इस घटना को काकोरी काण्ड के नाम से जाना जाता है।
◆ काकोरी ट्रेन डकैती घटना के अंतर्गत चन्द्रशेखर आजाद को छोड़कर शेष सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया और रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खान, रोशन सिंह व राजेन्द्र लाहौडी को फांसी की सजा दे दी गयी।
◆ 1928 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में चन्द्रशेखर आजाद व भगतसिंह ने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन (HSRA) की स्थापना की।
◆ 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क (आजाद पार्क) में अंग्रेज सैन्य अधिकारी नॉट बाबर से संघर्ष करते हुए चन्द्रशेखर आजाद अपनी ही गोली से शहीद हो गए। (Bharat Ke Krantikari Notes)

यह भी पढ़ें>> प्राचीन भारत के शिक्षण संस्थाएं

रास बिहारी बोस

◆ 23 दिसम्बर 1912 के दिल्ली षडयंत्र केस का मुख्य योजनाकार रास बिहारी बोस था।
◆ रास बिहारी बोस व सचिन सान्याल ने 21 फरवरी 1915 को सम्पूर्ण भारत में एक साथ क्रांति की योजना बनाई थी।
◆ रास बिहारी बोस ने जापान में 1941 में इंडियन इंडिपेंडेंस लीग की स्थापना की।
◆ इन्होंने मोहन सिंह भाखना के साथ मिलकर 15 दिसम्बर 1941 को मलेशिया (मलाया) में आजाद हिन्द फौज की स्थापना की थी।
◆ “एशिया एशिया वालों के लिए है।” यह रास बिहारी बोस का कथन था।

सुभाष चन्द्र बोस

◆ इनका जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक (उड़ीसा) में हुआ था।
◆ 1920 में ICS की परीक्षा में तृतीय स्थान प्राप्त किया था।
◆ 1921 में असहयोग आन्दोलन में शामिल हुए। और इसी दौरान पहली बार जेल गए थे।
◆ 1938 के हरिपुरा अधिवेशन के अध्यक्ष बने।
◆ 1939 में कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन में गांधीजी समर्थित उम्मीदवार पट्टाभिसीतारमैया को पराजित करके पुनः कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
◆ 1939 में सुभाषचंद्र बोस ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से तथा कांग्रेस की सदस्यता से भी त्याग पत्र दे दिया। और 1939 में ही फोरवर्ड ब्लॉक नामक एक नए दल की स्थापना की।
◆ 1940 में ‘होलवेल-स्मारक (कलकत्ता) को ध्वस्त करने के आरोप में बोस को नजरबन्द किया गया।
◆ जनवरी 1941 में नजरबन्दी अवस्था से फरार होकर जियारूद्दीन मौलवी का भेष बनाकर काबुल पहुंचे। और काबुल से एक इटेलियन व्यक्ति के रूल में आर्लेन्डो मैचाड़ो नाम से जर्मनी पहुंचे।
◆ जर्मनी में 1941 में सुभाष चन्द्र बोस ने फ्री इंडिया सेन्टर की स्थापना की और जर्मनी में ही प्रवासी भारतीय (हिटलर) द्वारा उन्हें नेताजी की उपाधि दी गई थी।
◆ जर्मनी से सुभाष चन्द्र बोस मुलसुदा नाम से जापान पहुंचे और जापान से सिंगापुर।
◆ सिंगापुर में 4 जुलाई 1943 को सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिन्द फौज का नेतृत्व सम्भाला। (आजाद हिन्द फौज की स्थापना 15 दिसम्बर 1941 को रास बिहारी बोस व मोहन सिंह भाखना ने मलेशिया (मलाया) में कि थी।)
◆ 1943 में सिंगापुर में ही बोस ने “आजाद हिन्द सरकार” नाम से भारत की अस्थायी सरकार की स्थापना की।
◆ 1943 में ही आजाद हिन्द रेडियो से बोलते हुए बोस ने गांधीजी को “राष्ट्रपिता” के सम्बोधन से सम्बोधित किया था।
◆ आजाद हिन्द फौज ने जापानी सेनाओं के सहयोग से अण्डमान निकोबार द्वीप समूह को जीतकर इनका नाम क्रमश: शहीद (अण्डमान का) व स्वराज (निकोबार का) रखा।
◆ 18 अगस्त 1945 को ताईवान के ताइपे हवाई अड्डे पर सुभाष चन्द्र बोस को अंतिम बार देखा गया था।

History Topic Wise Notes
Bharat Ke Krantikari Notes

1 thought on “भारत के प्रमुख क्रांतिकारी | Bharat Ke Krantikari Notes PDF”

Leave a Comment