Join WhatsApp GroupJoin Now
Join Telegram GroupJoin Now

गिलोय क्या है? गिलोय के औषधीय गुण एवं फायदे Giloy ke Fayde

गिलोय क्या है: इस पोस्ट के माध्यम से हम गिलोय क्या है? इसके बारे में जानेंगे एवं गिलोय के औषधीय गुण एवं फायदे (giloy ke fayde aur nuksan in hindi), गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि (giloy ka kadha), गिलोय के उपयोग (giloy ke upyog in hindi), गिलोय के फायदे (giloy benefits), गिलोय का काढ़ा कैसे बनाए (giloy ka kadha kaise banaye) आदि इन सब के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवा रहे है यदि पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर अवश्य करें ।

giloy ke fayde, giloy ka kadha

गिलोय क्या है

गिलोय वर्तमान समय का एक ऐसा शब्द है जिसको हर किसी ने सुना होगा और बहुत लोग इसका उपयोग भी कर रहे होंगे, वर्तमान में यह एक अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर माना गया है । वर्तमान समय की परिस्थतियों ने हमें फिर से अपने घरेलू नुस्खे की ओर खींच लाया है जो बेहद जरूरी भी था लोग आधुनिकता कि हवा में बहे जा रहें हैं ये गलत नहीं है लेकिन हमें अपने पुराने समय के घरेलू नुस्खे को भूलना नहीं चाहिए उन्हें भी जीवित रखना चाहिए। हमें अब होम मेड पर अधिक फोकस करना है ,ना की माडर्न मेड पर ।

वर्तमान समय में कोरोना ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया था और अब कोरोना के बाद डेंगू ने बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। इस संकट के समय में आप घरेलू नुक्से को आजमा कर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं और आप सुरक्षित तो देश सुरक्षित ।

गिलोय जिसे अंग्रेज़ी में टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया कहा जाता है, यह एक बहुवर्षिय लता होती है, इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे होते हैं। आयुर्वेद में इसके कई नाम बताए गए हैं जैसे : अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि। बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने के कारण इसे अमृता कहा गया है।

आयुर्वेद में इसे ज्वर की सर्वोत्तम औषधि माना गया है एवं जीवन्तिका नाम दिया गया है, गिलोय को अमृत तुल्य माना गया है। इसकी लता बाग बगीचों, जंगलों, खेत खलिहानों में, पहाड़ों की चट्टानों आदि स्थानों पर घुमावदार चढ़ती पाई जाती है, यह पेड़ों पर रस्सी की तरह लटकी रहती है।

गिलोय नीम, आम के वृक्ष के आस-पास ज्यादा मिलती है। जो गिलोय नीम के पेड़ पर होती है वो काफी गुणकारी (giloy benefits) हो जाती है क्योंकि गिलोय नीम के गुण को अपने में समाहित कर लेती है। जिस वृक्ष को गिलोय अपना घर बनाती है, उसके गुण को भी समाहित कर लेती है। इससे यह सिद्ध हो जाता है कि जो गिलोय नीम पर चढ़ी होगी वह ज्यादा गुणकारी होगी। गिलोय छोटी अंगुली से लेकर अंगूठे जितनी मोटी होती है। इसमें से जगह जगह पर जड़े निकलकर नीचे की ओर लटक जाती हैं। चट्टानों अथवा खेत खलिहानों में इनकी जड़े जमीन में घुसकर कई सारी लताओं को जन्म देती हैं।

गिलोय के औषधीय गुण एवं फायदे

Giloy ke Fayde aur Nuksan in Hindi: गिलोय की ऊपरी छाल बहुत पतली, हल्की सफेद रंग की होती है, जिसे हटा देने पर हरित मांसल भाग दिखाई देने लगता है, काटने पर अंदर का भाग चक्राकार दिखाई पड़ता है। पत्तियां हृदय आकार की या यूं कहे तो पान के जैसे दिखती हैं। इनमें 7 से 9 नाड़ियाँ होती हैं, पत्तियों का डण्ठल लगभग 1 से 3 इंच लंबा होता है। फूल गर्मी के समय में छोटे-छोटे पीले रंग के गुच्छों में आते हैं, फल भी गुच्छों में ही लगते हैं और छोटे मटर के आकार में होते हैं। पकने पर ये खून के जैसे लाल हो जाते हैं, बीज सफेद, चिकने, कुछ टेढ़े, मिर्च के दानों के समान होते हैं।

उपयोग में सिर्फ गिलोय की छाल आती है, ताजे गिलोय की छाल ही ज्यादा लाभकारी (giloy benefits) होती है ये हरे रंग की तथा गूदेदार होती है। छाल की बाहरी पर्त हल्के सफेद या क्रीम कॉलर की होती है और इसे चाकू से आसानी से छीला और काटा जा सकता है। जब इसको कूटा जाता है तो यह चिपचिपी होती है, जगह जगह पर गांठ के समान उभार होते हैं। सूखने पर यही छाल पतली हो जाती है, सूखे छाल के छोटे-बड़े टुकड़े बाजार में मिल जाते हैं, टुकड़ों से छाल के काष्ठीय भाग को आसानी से अलग किया जा सकता है।

गिलोय स्वाद में यह थोड़ा कसैला होता है इसके स्वाद को खुद प्रयोग करके ही समझा जा सकता है क्योंकि जो स्वाद आता है ना तो ओ पूरा तीखा होता है ना कसैला, पर गंध कोई नहीं होती।

औषधीय गुणों के आधार पर नीम के पेड़ पर चढ़ी हुई गिलोय को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि गिलोय की बेल जिस पेड़ पर भी चढ़ती है उस पेड़ के सारे गुणों को अपने में समाविष्ट कर लेती है तो नीम के पेड़ से प्राप्त की गई गिलोय की बेल में नीम के चमत्कारी गुण भी शामिल हो जाते हैं अतः नीमगिलोय सबसे अच्छी होती है।

यह भी पढ़ें>> What is the Difference between Dementia and Alzheimer’s Disease?

गिलोय के उपयोग 

Giloy ke Upyog in Hindi: आप इसका काढ़ा बना सकते है जो आपको वजन कम करने, इम्यूनिटी बढ़ाने, सर्दी – जुकाम, खांसी, बुखार से दूर रखने , शरीर के दर्द को दूर करने में आपकी काफी मदद करेगा आप ऊर्जावान बने रहेंगे।

गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि

Giloy ka Kadha Kaise Banaye: सबसे पहले आप ताजी गिलोय का २ सेंटी मीटर के दो टुकड़े लें और उसे छिल लें अब उसका हरा भाग दिखने लगा होगा और अब इसे कूट लें बहुत बारीक नहीं बस ये बीच से टूट जाए। अब आप देख रहें होंगे कि गिलोय के अंदर का को सफेद भाग है ओ चिपचिपा हो गया होगा, अब आप २५० ग्राम पानी में कुटे हुए गिलोय को डालें इसके साथ – साथ इसमें तुलसी पत्ती, धनिया, अजवाइन, मेंथी, सौफ, दालचीनी, अदरक और नमक डाल दें जिससे आपका काढ़ा और अधिक फायदेमंद हो जाए ।

अब आप इसे मीडियम फ्लेम पर १० मिनट पकाएं और फिर छान कर गर्म गर्म पिए , शुरुआत में तो ये आपको अच्छा नहीं लगेगा लेकिन धीरे धीरे ये आपकी दिनचर्या में शामिल हो जाएगा।

गिलोय क्या है giloy ke fayde aur nuksan in hindi, giloy ka kadha, giloy ke upyog in hindi, giloy benefits, giloy ka kadha kaise banaye,

यह भी पढ़ें>> मेरुदंडासन की विधि एवं इसके फायदे