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राजस्थान के प्रमुख त्यौहार | Rajasthan Festival in Hindi

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नमस्कार दोस्तों www.MissionGovtExam.com में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में राजस्थान के प्रमुख त्यौहारोंRajasthan Festival in Hindi” के नोट्स है जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे – RAS, शिक्षक भर्ती परीक्षा, पटवारी भर्ती, राजस्थान पुलिस SI, पुलिस कांस्टेबल, ग्रामसेवक एवं अन्य सभी परीक्षाओ के लिए उपयोगी है।

राजस्थान के प्रमुख त्यौहार (Rajasthan Festival) :-

★ अक्षय तृतीया/आखा तीज :- वैषाख शुक्ल तृतीया
इस दिन से सतयुग व त्रेता युग का आरम्भ माना जाता है। इसे आखा तीज भी कहते है। इस दिन राजस्थान में सर्वाधिक बाल-विवाह होते है।

★ घींगा गंवर गणगौरः- वैषाख कृष्ण तीज
धींगा गंवर बैंत मार मेला जोधपुर में आयोजित होता है।
★ वैषाख पूर्णिमाः- बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ।

★ वट सावित्री पर्व व्रत / बड़मावस :- ज्येष्ठ अमावस्या को
इस दिन बरगद की पूजा की जाती है। इस व्रत से स्त्री को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

★ धुलण्डी:- चैत्र कृष्ण एकम् (रंगो का पर्व)
होली के दूसरे दिन धुलण्डी मनायी जाती है। इस दिन होली की राख की वंदना की जाती है। व रंग, गुलाल आदि से होली खेलते है।
बादशाह मेला/सवारी- ब्यावर (अजमेर)
पत्थर मार होली – बाड़मेर
लट्ठमार होली -चांदनपुर (करौली)
कोडामार होली – भीनाय (अजमेर)
फूल डोल मेला इसी दिन भरता है।

★ शीतलाष्टमीः- चैत्र कृष्ण अष्टमी
इस दिन शीतलामाता की पूजा की जाती है। व ठंडा भोजन किया जाता है। चाकसू (जयपुर) में शीतला माता का मेला भरता है। मारवाड में घुड़ला पर्व इसी दिन मनाया जाता है।

★ वर्ष प्रतिपदा/नवसवत्सर – चैत्र शुक्ल एकम्
विक्रमादित्य मेला इसी दिन मनाया जाता है। हिंदुओ का नववर्ष इसी दिन प्रारम्भ होता है। इस दिन गुड़ी पड़वा का त्यौहार भी मनाया जाता है।

★ नवरात्र – चैत्र शुक्ल एकम् से चैत्र शुक्ल नवमी तक
चैत्र मास के नवरात्रे, बसन्तीये नवरात्र कहलाते है। अश्विन मास के नवरात्रे शरदीय/केसूला नवरात्र कहलाते है।

★ गणगौर – चैत्र शुक्ल तृतीया
गणगौर से पूर्व (1 दिन) सिंजारा भेजा जाता है।
यह गणगौर, शिव व पार्वती के अखंड प्रेम का प्रतीक पर्व है। इस दिन कुँवारी कन्याएं मनपसंद वर प्राप्ति का तथा विवाहित स्त्रियां अपने अखंड सौभाग्य की कामना करती है। जयपुर की गणगौर प्रसिद्ध है। बिना ईसर की गणगौर जैसलमेर की प्रसिद्ध है।
इस त्यौहार से त्यौहारों की समाप्ति मानी जाती है।

★ रामनवमी – चैत्र शुक्ल नवमी –
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मदिवस के रूप में यह त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन रामायण का पाठ किया जाता है।

★ महावीर जयंती – चैत्र शुक्ल त्रयोदषी
★ हनुमान जयन्ती – चैत्र पूर्णिमा
★ निर्जला एकादशी – ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को।
★ देवशयनी एकादशी – आषाढ़ शुक्ल एकादशी को
★ गुरू पूर्णिमा – आषाढ़ पूर्णिमा को।
★ नाग पंचमी – श्रावण कृष्ण पंचमी
यह नागों का त्यौहार है इस दिन सर्प की पूजा की जाती है।
इस दिन मण्डोर (जोधपुर) में तीरपुरी का मेला भरता है।
★ ऊब छट – श्रावण कृष्ण षष्टी

Rajasthan Festival in Hindi

★ हरियाली अमावस्या – श्रावण अमावस्या को
हरियाली अमावस्या मेंला/ कल्पवृक्ष मेला इसी दिन मांगलियावास (अजमेर) में भरता है।
छोटी तीज/झूला तीज/श्रावणी तीज/हरियाली

★ तीज – श्रावण शुक्ल तीज
तीज की सवारी के लिए जयपुर प्रसिद्ध है। इस दिन से त्यौहारों का आगमन माना जाता है।

★ रक्षाबंधन – श्रावण पूर्णिमा को
इसे नारियल पूर्णिमा भी कहते है।

★ कजली तीज/बडी तीज/सातुडी तीज – भाद्र कृष्ण तीज को
कजली तीज बूंदी की प्रसिद्ध है। यह त्यौहार स्त्रियों द्वारा सुहाग की दीर्घायु व मंगलकामना के लिए मनाया जाता है।

★ हल हट्ट – भाद्र कृष्ण षष्टी को
★ जन्माष्टमी – भाद्र कृष्ण अष्टमी को
भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस। पूर्वी क्षेत्र में लोकप्रिय है।
★ गोगानवमी – भाद्रपद कृष्ण नवमी को।
इस दिन हनुमागढ़ जिले में गोगामेड़ी नामक स्थान पर मेला भरता है।

★ बच्छब्बारस – भाद्रपद कृष्ण द्वादषी को।
इस दिन पुत्रवती स्त्रियां पुत्र की मंगलकामना के लिए व्रत करती है। बछडे की पूजा की जाती है।

★ गणेश चतुर्थी – भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को
रणथम्भौर (सवाईमाधोपुर) में इस दिन मेला भरता है। महाराष्ट्र का प्रमुख त्यौहार है। महाराष्ट्र मेंु इसकी शुरूआत बाल गंगाधर तिलक द्वारा की गई।

★ राधाष्टमी – भाद्रपद शुक्ल अष्ठमी को।
इस दिन निम्बार्क सम्प्रदाय का मेला सलेमाबाद (अजमेर) में भरता है।
★ तेजादशमी – भाद्रपद शुक्ल दशमी को
★ देव झुलनी/जल झुलनी एकादशी – भाद्रपद शुक्ल एकादशी
बेवाण, पर देवताओं की सवारी निवाली जाती है। सांवलिया जी का मेला मण्डफिया से इसी दिन भरता है।
★ श्राद्ध पक्ष – भाद्र पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक।
★ नवरात्र – आश्विन शुक्ल एकम् से शुक्ल नवमी तक
शारदीय नवरात्रे कहलाते है।
★ दुर्गाष्टमी – आश्विन शुक्ल अष्टमी को
बंगाल (भारत) व बागड़ (राजस्थान) में इस दिन मेले भरते है। (Rajasthan Festival in Hindi)

★ दशहरा – आश्विन शुक्ल दशमी को
इसे विजयदशमी भी कहते है। इस दिन खेजड़ी वृक्ष की पूजा होती हैं कोटा का दशहरा मेला प्रसिद्ध है। कोटा में दशहरे मेले की शुरूआत माधोसिंह हाडा ने की।

★ शरद पूर्णिमा – आश्विन पूर्णिमा को
इस दिन चन्द्रमा अपनी सौलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। मेवाड़ में इस दिन मीरा महोत्सव मनाया जाता है। सालासर (चूरू) मेला भी इसी दिन भरता है।

★ करवा चैथ – कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को।
★ अहोई अष्टमी – कार्तिक कृष्ण अष्टमी को।
स्याऊं माता की पूजा की जाती है। इस दिन पुत्रवती स्त्रियां निर्जल व्रत करती है।
★ तुलसी एकादशी – कार्तिक कृष्ण एकादशी को।

★ धनतेरस – कार्तिक कृष्ण श्रयोदशी को
आयुर्वेदाचार्य धन्वतरी की स्मृति में मनाया जाता है। यमराज की पूजा की जाती है।
★ रूप चतुर्दषी – कार्तिक कृष्ण चतुर्दषी कों
इसे छोटी दीपावली भी कहते है। इस पर्व का सम्बंध स्वच्छता व सौन्दर्य से है।

★ दीपावली – कार्तिक अमावस्या को।
हिंदुओ का सबसे बड़ा त्यौहार है। इस दिन भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या में लौटे थे।

★ गोवर्धन पूजा – कार्तिक शुक्ल एकम् को।
इस दिन नाथद्वारा (राजसमंद) मे अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है।

★ भाई दूज – कार्तिक शुक्ल दूज को।
इस दिन बहन भाई के तिलक लगाकर उनके स्वस्थ व दीर्घायु होने की मंगलकामना करती है।

★ गोपालाष्टमी – कार्तिक शुक्ल अष्टमी को
इस दिन गाय की पूजा की जाती है। (Rajasthan Festival in Hindi)

★ आवला नवमी/अक्षय नवमी – कार्तिक शुक्ल नवमी
आॅवले के वृक्ष की पूजा की जाती है।

★ देव उठनी ग्यारस – कार्तिक शुक्ल एकादशी को।
तुलसी विवाह इसी दिन होता है। इसे प्रबोधिनी एकादशी कहते है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह तक निन्द्रावस्था में रहने के बाद जागते है इस दिन से ही समस्त मांगलिक कार्य प्रारम्भ हो जाते है।

★ महापर्व – कार्तिक पूर्णिमा को।
गुरू नानक जयन्ती।
चुरू में साहवा का मेला।
अजमेर में पुष्कर मेला।
कोलायत (बीकानेर) में कपिल मुनि का मेला।
झालरापटन (झालावाड़) में चंद्रभागा का मेला।

★ मकर सक्रांति – 14 जनवरी को ।
ज्ञातव्य है कि सन् 2008 में मकर सक्राति 15 जनवरी को थी। मकर सक्रांति को दिन सूर्य कर्क राशि में मकर राशि में प्रवेश करता है।
★ मोनी अमावस्या – माघ अमावस्या को।
इस दिन मोन व्रत किया जाता है।

★ बसंत पंचमी – माघ शुक्ल पंचमी को।
इस दिन भरतपुर में कृष्ण-राधा की लीलाओं का आयोजन होता है। इस दिन कामदेव व रति की पूजा की जाती है। यह दिन बसन्त के आगमन का प्रथम दिवस माना जाता है।

★ शिवरात्री – फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी (तेरस) को।
यह शिवजी का जन्मोत्सव है इस दिन शिव पुराण का पाठ करते है।
घुष्मेश्वर महादेव मंदिर -शिवाड़ (सवाई-माधोपुर) की शिवरात्री प्रमुख है।
इस दिन करौली में पशु मेला आयोजित होता है।
★ होली – फाल्गुन पूर्णिमा को।

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मुस्लिम त्यौहार
1. मोहर्रम :-
मोहर्रम, हिजरी सन् का प्रथम महीना है। यह त्यौहार कुर्बानी का त्यौहार है। मुहम्म्द साहब के बेटे इमाम हुसैन के षहीदी दिन को षेक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन “ताषा” नामक वाद्ययंत्र के वादन के साथ ताजिये निकाली जाती है। ताजिया को कर्बला के मैदान में दफनाया जाता है।

2. ईद-उल-मिलादुलनबी (बारावफात)
मुस्लिम धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब के जन्म दिवस को इस त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। मुहम्मद साहब का जन्म मक्का (सऊदी अरब) में हुआ था।

3. ईद-उल-फितर (मिठी ईद)
रमजान के महीने में रोजे रखे जाते है औरआ इस दिन सेवईयां बनाई जाती है।

4. ईद-उल-जूहा (बकरीद)
यह कुर्बानी का त्यौहार है। जो पैगम्बर हजरत इब्राहीम द्वारा अपने लड़के हजरत इस्माइल की अल्लाह को कुर्बानी देने की स्मृति में मनाया जाता है।

जैन धर्म के त्यौहार
1. दशलक्षण पर्व
यह पर्व चैत्र, भाद्र और माघ माह की शुक्ल पंचमी से पूर्णिमा तक मानाया जाता है।
2. पर्यूषण पर्व
पर्यूषण पर्व भाद्र माह मे मनाया जाता है।
पर्यूषण का अर्थ तीर्थकरों की सेवा/पूजा करना है। जैन धर्म मे पर्युषण पर्व महापर्व कहलाता है।

3.रोट तीज
यह पर्व भाद्र षुक्ल तीज को मनाया जाता है। इस दिन खीर व मिठी रोटी बनाई जाती है।

4. महावीर जयंती
यह पर्व चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है।

5.ऋषभ देव जयंती
यह पर्व चैत्र कृष्ण नवमी को मानाया जाता है।

सिक्ख धर्म के त्यौहार :- 
1. वैषाखी
वैषाखी का त्यौहार 13 अप्रैल को मनाया जाता है।
13 अप्रैल 1699 को आनंदपुर साहिब (रोपड़ पंजाब) में गुरू गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

2.लोहड़ी
यह त्यौहार मकर सक्रांति पर मनाया जाता है।
3. गुरू नानक जयंती
गुरू नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरूनानक देव जी का जन्म 1469 ई. में तलवंडी (पंजाब) में हुआ था।

4.गुरू गोविन्द सिंह जयंती
यह पर्व पौष शुक्ल सप्तमी को मनाया जाता है। गुरु गोविन्द सिंह सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु थे।

ईसाई धर्म के पर्व
1. क्रिसमिस डे:-
यह पर्व ईसा मसीह के जन्म दिन 25 दिसम्बर को मानाया जाता
2. गुड फ्राइडे
यह पर्व अप्रेल माह में मनाया जाता है। इस दिन ईसा मसींह को सूली पर चढ़ाया गया था।
3.ईस्टर
गुड फ्राइडे के बाद अगले रविवार ईसामसींह के पुनर्जन्म के रूप में मनाया जाता है।

सिंधियों के त्यौहार :- 
1.थदडी/बड़ी साक
यह पर्व चैत्र कृष्ण सप्तमी को मानाया जाता है।
2.चेटीचण्ड
इसे झुलेलाल जयंती के रूप में मानाया जाता है।
यह पर्व चैत्र षुक्ल एकम् को मनाया जाता है।
3.चालिसा महौत्सव
यह पर्व 40 दिन तक मनाया जाता है। (Rajasthan Festival in Hindi)

तिथित्यौहार
चैत्र-शुक्ल-प्रतिपदाहिन्दु नववर्ष, नवसंवत प्रारम्भ, बसंतीय नवरात्रा प्रारम्भ, वर्ष प्रतिपदा
चैत्र शुक्ल द्वितीयासिधारा,सिंजारा
चैत्र शुक्ल अष्ठमीदुर्गाष्ठमी, नवरात्रा समाप्त
चैत्र शुक्ल नवमीरामनवमी
  
चैत्र शुक्ल त्रयोदशीमहावीर जयन्ती
चैत्र शुक्ल पूर्णिमाहनुमान जयन्ती
वैशाख शुक्ल तृतीयाअक्षय तृतीया, आखातीज, कृषि पक्ष,परशुराम जयंती
वैशाख शुक्ल पूर्णिमाबुद्ध, पीपल पूर्णिमा
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशीनिर्जला एकादशी(घडीया ग्यारस)
आषाढ शुक्ल नवमीभडंल्या नवमी/भडली(अन्तिम शादी)
आषाढ शुक्ल एकादशीदेव शयनी एकादशी
आषाढ शुक्ल पूर्णिमागुरू पुर्णिमा
श्रावण कृष्ण पंचमीनागपंचमी
श्रावण कृष्ण त्रयोदशीशिवरात्रि
श्रावण शुक्ल द्वितियासिजांरा,सिधारा,सिद्धारा
श्रावण शुक्ल तृतीयाछोटी तीज/हरियाली तीज, श्रावणतीज
श्रावण शुक्ल पूर्णिमारक्षा बन्धन, गोगा मेडी मेला
भाद्रपद कृष्ण तृतीयाबड़ी/बुडी/कजली/सातुडी/ भादुडी तीज
भाद्रपद कृष्ण सप्तमीथदडी/बडी सातम(सिंधी धर्म)
भाद्रपद कृष्ण अष्ठमीजन्माषष्टमी
भाद्रपद कृष्ण नवमीगोगानवमी(विशाल मेला)
भाद्रपद कृष्ण द्धादशीबच्छ बारस
भाद्रपद शुक्ल द्वितीयारामदेव जयन्ती/मेला प्रारम्भ
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थीगणेश चतुर्थी
भाद्रपद शुक्ल अष्ठमीराधाषठमी
भाद्रपद शुक्ल दशमीरामदेव मेला/तेजा दशमी/खेजडी दिवस मेला
भाद्रपद शुक्ल एकादशीजलझुलनी एकादशी/देव डोल ग्यारस
भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशीअनंत चतुर्थदशी(अण चैरस)
भाद्रपद शुक्ल पुर्णिमागोगा मेडी मेला समाप्त/श्राद पक्ष/पितृ पक्ष/कनागत प्रारम्भ
आश्विन कृष्ण प्रतिपदाद्वितीय श्राद्ध
आश्विन अमावस्यासर्वपितर श्राद्ध/श्राद्ध पद्व समाप्त
आश्विन शुक्ल प्रतिपदाशारदीय नवरात्र प्रारम्भ
आश्विन शुक्ल अष्ठमीदुर्गाष्ठमी
आश्विन शुक्ल नवमीरामनवमी
आश्विन शुक्ल दशमीदशहरा/विजयदशमी
आश्विन पुर्णिमाशरद पुर्णिमा(शरद पुर्णिमा)/कार्तिक स्नान प्रारम्भ(विष्णु पूजा)
कार्तिक कृष्ण चतुर्थीकरवा चैथ
कार्तिक कृष्ण अष्ठमीअहोई अष्ठमी/साहू माता
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशीधन तेरस/ध्वन्तरी जयंती
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशीनरक चतुर्दशी/रूप चैदस/कानी दीवाली
कार्तिक अमावस्यादीपावली(लक्ष्मी पूजन)
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदागौवर्धन पूजा/अन्नकुट
कार्तिक शुक्ल द्वितीयायम द्वितीया/भैया दुज
कार्तिक शुक्ल षष्ठीछठ पूजा
कार्तिक शुक्ल अष्ठमीगोपास्ठमी
कार्तिक शुक्ल नवमीअक्षय नवमी/आवला नवमी
कार्तिक शुक्ल एकादशीदेव उठनी/देवोस्थान/प्रबोधनी/तुलसी विवाह
कार्तिक पूर्णिमाकार्तिक स्नान समाप्त/गुरू पर्व
14 जनवरीमकर सक्रांति
माघ कृष्ण चतुर्थीतिलकुटी चैथ/शकंर चतुर्थी/माही चैथ
माघ अमावस्यामौनी अमावस्या
माघ शुक्ल पंचमीबसंत पचमी
माघ शुक्ल दशमीरामदेव मेला
माघ पूर्णिमाबैणेश्वर धाम मेला
फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशीमहाशिवरात्रि
फाल्गुन शुक्ल द्वितीयाफुलेरा/फलरिया दुज
फाल्गुन पूर्णिमाहोलीका दहन
चैत्र कृष्ण प्रतिपदागैर/फाग /धुलण्डी/छारडी/गणगौर पुजन प्रारम्भ
चैत्र कृष्ण अष्ठमीशीतलाष्टमी

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हिन्दी महीनों के नाम – चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाठ, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन ।
(बदी) कृष्ण पक्ष – अमावस्या(15)
(सुदी) शुक्ल पक्ष – पूर्णिमा(30)
प्रत्येक महीने में 30 दिन होते है-

तिथियां :- प्रतिपदा(एकम), द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अस्ठमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्थदशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

1. चैत्र – मार्च-अप्रेल
2. वैषाख – अप्रेल -मई
3. ज्येष्ठ – मई-जून
4. आषाढ़ – जून-जुलाई
5. श्रावण – जुलाई- अगस्त
6. भाद्रपदब- अगस्त -सितम्बर
7. आश्विन – सितंबर – अक्टूबर
8. कार्तिक – अक्टूबर – नवम्बर
9. मार्गषीर्ष – नवम्बर – दिसम्बर
10. पौष – दिसम्बर- जनवरी
11. माघ – जनवरी-फरवरी
12. फाल्गुन – फरवरी -मार्च

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