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राजस्थान में सहकारिता Rajasthan me Sahkarita Aandolan

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राजस्थान में सहकारिता Rajasthan me Sahkarita Aandolan

राजस्थान में सहकारिता सहकारिता का सिद्धांत :- एक सबके लिए, सब एक के लिए

सहकारिता का मुख्य उद्देश्य :- सामाजिक आर्थिक विकास के साथ सामाजिक उत्थान

👉 सहकारिता आंदोलन सदस्यों द्वारा तथा सदस्यों के लिए संचालित कार्यक्रम है
👉 विश्व में सहकारिता आंदोलन की शुरुआत इंग्लैंड के लंकाशायर में हुई, यहां पर रॉबर्ट ओवन द्वारा सहकारी उपभोक्ता भंडार प्रारंभ किया। इसके पश्चात हरसन शूलज डेलीश एवं फ्रेडरिक विलियम रेफेजन द्वारा जर्मनी में सहकारिता आंदोलन का सूत्रपात किया गया।
👉 भारत में सहकारिता आंदोलन का प्रारंभ दुर्भिक्ष आयोग से माना जाता है जिसकी अनुशंसा पर सहकारी साख अधिनियम 1904 पारित किया गया।
👉 1919 के अधिनियम में सहकारिता को प्रांतीय विषय बना दिया। स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय संविधान में इसे राज्य सूची में स्थान दिया।
👉 राजस्थान में सहकारिता आंदोलन की शुरुआत 1904 में ही डीग व भरतपुर में सहकारी कृषि बैंक इसी उद्देश्य से स्थापित हुई।

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👉 राजस्थान में प्रथम सहकारी समिति एवं बैंक की स्थापना अक्टूबर 1950 को भिनाय (अजमेर) में की गई। अजमेर में ही 1910 में केंद्रीय सहकारी बैंक की स्थापना की गई।
👉 सर्वप्रथम 1915 ईस्वी में भरतपुर रियासत ने सहकारिता कानून बनाया। तत्पश्चात 1953 ईस्वी तक के कोटा, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर रियासतों, मत्स्य संघ एवं संयुक्त राजस्थान ने सहकारिता कानून लागू किया गया।
👉 1953 में विभिन्न सहकारिता कानूनों में एकरूपता लाने के उद्देश्य से राजस्थान सहकारी समितियां अधिनियम 1953 पारित किया जिसका स्थान 2 अक्टूबर 1965 को लागू हुए नए सहकारिता अधिनियम 2001 लागू है जो 14 नवंबर 2002 से लागू हुआ।
👉 वर्तमान में राजस्थान में 23 राज्य स्तरीय सहकारी संघ, 31 केंद्रीय सहकारी बैंक, 21 दुग्ध उत्पादक संघ 367 थोक उपभोक्ता भंडार एवं 36 प्राथमिक भूमि विकास बैंक पंजीकृत है।

राजस्थान में सहकारिता का वर्तमान स्वरूप

◾️ राज्य सहकारी संघ – 23
◾️ केंद्रीय सहकारी बैंक – 31
◾️ सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ – 21
◾️ थोक उपभोक्ता भण्डार – 32
◾️ प्राथमिक भूमि विकास बैंक – 36

साख सहकारिता

राज्य में सहकारिता के अंतर्गत किसानों को साख उपलब्ध करवाने हेतु दो तरह की व्यवस्था है –

(A) अल्पकालीन या मध्यकालीन साख

  किसानों को तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अल्पकालीन सहकारी ऋण दिया जाता है, इसकी त्रिस्तरीय व्यवस्था है –

(i) शीर्ष स्तर – राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, जयपुर (अपेक्स बैंक)
👉 मुख्यालय – जयपुर
👉 स्थापना – 14 अक्टूबर 1953 (भारतीय साख सर्वे समिति की अनुशंसा पर)
👉 उद्देश्य – सम्पूर्ण राजस्थान में अल्पकालीन व मध्यकालीन सहकारी साख के योजनाबद्ध विस्तार के साथ ही ग्रामीण स्तर पर बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करवाना।

(ii) जिला स्तर पर – केन्द्रिय सहकारी बैंक
👉 धौलपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़ व करौली के अतिरिक्त जिलों में 29 केन्द्रीय सहकारी बैंक कार्यरत है।

(iii) प्राथमिक स्तर – प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियाँ
👉 ये समितियाँ सदस्यों को अल्पकालीन ऋण नकद तथा रासायनिक खाद, उन्नत बीज एवं कीटनाशक दवाओं के रूप में उपलब्ध कराती है।

(B) दीर्घकालीन सहकारी साख

👉   उन्नत कृषि यंत्रों के वैज्ञानिक तकनीकों के उपयोग द्वारा कृषि उत्पादन बढ़ाने एवं सिंचाई के साधनों के विकास एवं प्रबंधन हेतु सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा दीर्घकालीन साख सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसकी द्विस्तरीय व्यवस्था है –

(i) शीर्ष स्तर – राजस्थान राज्य भूमि विकास बैंक
👉 मुख्यालय – जयपुर
👉 स्थापना – 26 मार्च 1957

(ii) प्राथमिक या जिला स्तर पर – प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक – राज्य में 36 प्राथमिक भूमि विकास बैंक कार्यरत है। अजमेर, श्रीगंगानगर तथा जोधपुर जिलों में दो-दो भूमि विकास बैंक कार्यरत है.

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विपणन सहकारिता

👉   राज्य में विपणन सहकारिता की द्विस्तरीय व्यवस्था है।  

(i) शीर्ष स्तर – राजफ़ैड (राजस्थान राज्य सहकारी क्रय-विक्रय संघ) (RAJFED) – Rajasthan State Cooperative Marketing Federation Limited
👉 मुख्यालय – जयपुर
👉 स्थापना – 26 नवंबर 1957
👉 उद्देश्य – किसानों को उन्नत कृषि आदनों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना। राजफ़ैड पशु आहार की गुणवत्ता के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक ISO ; 9001 प्राप्त करने वाली देश की प्रथम इकाई है।
👉 राजफ़ैड निम्न इकाइयों का संचालन का कार्य भी करता है –
(i) पशु आहार संयंत्र (झोटवाड़ा, जयपुर) स्थापना 1971
(ii) कीटनाशक दवाई संयंत्र (झोटवाड़ा, जयपुर) स्थापना – 1969
(iii) इसबगोल संयंत्र – आबूरोड एवं सिरोही
(iv) सहकारी ग्वार गम संयंत्र नागौर
👉 राजफेड राज्य में एफ.सी.आई. (भारतीय खाद्य निगम) व नेफ़ैड (राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) के एजेंट के रूप में कार्य करता है।

उपभोक्ता सहकारिता

👉 उपभोक्ता सहकारिता का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर अच्छी किस्म की दैनिक उपभोग की वस्तुएं उपलब्ध करवाना है।
👉 राज्य में सर्वप्रथम उपभोक्ता सहकारिता का प्रारंभ 1919 में रेलवे कर्मचारियों द्वारा प्रथम सहकारी उपभोक्ता भंडार के गठन से हुआ।

(i) शीर्ष स्तर – सहकारी उपभोक्ता हॉलसेल भण्डार

महिला सहकारिता

👉 ‘महिलाओं की महिलाओं के लिए एवं महिलाओं के द्वारा’ सिद्धांत पर संचालित महिला सहकारी समितियों का गठन किया गया जिसका उद्देश्य महिला सदस्यों से छोटी-छोटी बचत संग्रहित करके उनकी ऋण जरूरतों को पूरा करके एवं व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन करके महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य प्राप्त करना है। ( Rajasthan me Sahkarita Aandolan )

महिला सहकारिता के संबंधित योजनाएं

✔️  महिला नागरिक सहकारी बैंक – महिलाओं द्वारा संचालित नागरिक बैंक। राज्य का प्रथम महिला नागरिक बैंक – राजपूताना (अगस्त 1995) जयपुर

✔️ नागरिक सहकारी बैंक, जयपुर (स्थापना 30 अगस्त 1995)

✔️   राज्य में 6 महिला नागरिक सहकारी बैंक कार्यरत हैं, ये जयपुर (2 राजपूताना महिला नागरिक सहकारी बैंक व राजलक्ष्मी महिला नागरिक सहकारी बैंक), उदयपुर (2), भीलवाड़ा, कोटा में कार्यरत हैं।

✔️  महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति – महिलाओं द्वारा संचालित समितियां दुग्ध संग्रहण एवं दुग्ध निर्मित उत्पादों के विक्रय का कार्य करती है।

✔️  महिला मिनी बैंक – अपना बचत परियोजना के अंतर्गत महिला ग्राम सेवा सहकारी समितियों को महिला मिनी बैंक के रूप में विकसित किया जाता है, इसमें सदस्य महिलाएं बचत जमा करवाती है एवं दुग्ध निर्मित उत्पादों के विक्रय का कार्य करती है।

✔️  महिला मिनी बैंक – अपना बचत घर योजना के अंतर्गत महिला ग्राम सेवा सहकारी समितियों को महिला मिनी बैंक के रूप में विकसित किया जाता है, इसमें सदस्य महिलायें बचत जमा करवाती है एवं जरुरतमन्द महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवाती है। राज्य में कुल 40 महिला मिनी बैंक कार्यरत हैं ऐसे प्रथम महिला मिनी बैंक की स्थापना 17 जनवरी 2001 को जालौर जिले के आकोली ग्राम में की गई।

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आवास सहकारिता  

👉   आवास सहकारिता का उद्देश्य गृह निर्माण सहकारी समितियों के माध्यम से सदस्यों को आवास सुलभ कराने के लिए दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराने के अलावा आवासीय कॉलोनियों का निर्माण कर सस्ती दर पर मकान उपलब्ध कराना है।

👉   गृह निर्माण सहकारी समितियों की शीर्ष संस्था के रूप में राजस्थान राज्य सहकारी आवास संघ लिमिटेड (स्थापना – 1970) कार्यरत है जिसका मुख्यालय जयपुर में है।

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