15 Lakh People Imprisoned in Homes
जापान 15 Lakh People Imprisoned in Homes : जीवन में अक्सर लोगों को कठिन परिस्थितियों और उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है , ऐसी स्थिति में लोग अकेले रहना पसंद करते हैं | ऐसे लोगों की संख्या बढ़ने से यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है | यह समस्या कोरोना जैसी गंभीर महामारी के दौरान देखने को मिली थी जब लाखों लोगों ने खुद को अपने ही घरों में कैद कर लिया था | लॉकडाउन के दौरान पूरी दुनिया चारदीवारी के अंदर कैद हो गई थी | लेकिन इन दिनों अकेलेपन की समस्या किसी देश की सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई हैं |

दरअसल, अकेलेपन की इस समस्या ने जापान की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि वहां 15 लाख से अधिक लोगों ने खुद को अपने ही घरों में कैद कर रखा हैं | इन लोगों में कामकाजी लोग भी शामिल हैं | ये लोग न तो घर से निकलते हैं और ना ही दूसरे लोगों से मिलना पसंद करते हैं | जापान के लोगों के द्वारा इस तरीके को अपनाने की प्रक्रिया को ‘ हिकिकोमोरी ‘ कहा जा रहा है | तो आइए, आपको बताते हैं कि आखिरकार क्या है हिकिकोमोरी और क्यों जापान के 1,5,00,000 से अधिक लोगों ने खुद को घर के अंदर कैद करके रखा हैं | 15 Lakh People Imprisoned in Homes
क्या हैं ‘ हिकिकोमोरी ‘
जापान में खुद को समाज और दूसरे लोगों से अलग रखकर अकेलेपन में रहने को हिकिकोमोरी कहा जाता है | जापान जैसे विकसित देश में इसका चलन बढ़ता ही जा रहा है | हिकीकोमोरी से प्रभावित लोग न तो घर से बाहर निकलना पसंद करते हैं और न ही किसी दूसरे व्यक्ति से मिलना पसंद करते हैं | वे अकेलेपन में रहने को प्राथमिकता देते हैं | ऐसे व्यक्ति सिर्फ घर पर ही रहना पसंद करते हैं | जापान में 10 वर्ष से 69 वर्ष तक की आयु वाले 30,000 लोगों पर एक सर्वे किया गया , जिसमें 15 वर्ष से 62 वर्ष तक की उम्र वाले 2% लोग हिकिकोमोरी से पीड़ित हैं |
‘हिकिकोमोरी’ की शुरुआत
हिकीकोमोरी शब्द 1990 के दशक में उन युवाओं के लिए प्रयुक्त किया गया था जिन्होंने स्वयं को समाज से दूर कर लिया था | ऐसे लोग घरों में ही रहना पसंद करते थे | इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार” उस व्यक्ति को हिकिकोमोरी माना जा सकता है, जो समाज से दूरी बनाए रखता है या 6 महीने या उससे अधिक समय तक समाज से कटा रहा हो | ” यह तनाव, अवसाद, पढ़ाई का प्रेशर, रिश्तो में कलह और सोशल फोबिया इत्यादि से जुड़ा हुआ है | 15 Lakh People Imprisoned in Homes
जापान में क्यों बढ़ रहा है ‘हिकिकोमोरी’ का चलन
ऐसे बहुत से कारण निकल कर आ रहे हैं जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि जापान में ‘हिकिकोमोरी’ का चलन बढ़ रहा है | जापान में कई युवक चाहते हैं कि वे अच्छी पढ़ाई करके अच्छी नौकरी प्राप्त करें इस कारण उन्हें पढ़ाई से संबंधित प्रेशर का सामना करना पड़ता हैं | युवाओं में तनाव और चिंता जैसी परेशानियां बढ़ रही हैं | करियर ग्रोथ की टेंशन , कुछ न कर पाने की टेंशन, फैमिली प्रेशर इत्यादि कई ऐसे कारण हो चुके हैं जो युवाओं के मस्तिष्क पर प्रभाव डालते हैं | 15 Lakh People Imprisoned in Homes
‘हिकिकोमोरी’ का इलाज किसी दवा से संभव नहीं हैं, इसका इलाज मनोचिकित्सा के माध्यम से किया जा सकता है | 15 Lakh People Imprisoned in Homes यह भी बात ध्यान देने योग्य है कि मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए दवा का प्रयोग किया जा जाता हैं | इससे पीड़ित लोगों को परिवार या मनोचिकित्सक के समर्थन की आवश्यकता होती हैं |
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