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Patwari Result Normalization Process जाने पटवारी रिजल्ट मे नॉर्मलाइजेशन कैसे होगा ? किस शिफ्ट को होगा फायदा ?

Patwari Result Normalization Process जाने पटवारी रिजल्ट मे नॉर्मलाइजेशन कैसे होगा? किस शिफ्ट को होगा फायदा?

पटवारी रिजल्ट मे नॉर्मलाइजेशन कैसे होगा (Patwari Result Normalization Process) : Patwari Result Normalization Process, पटवारी रिजल्ट मे नॉर्मलाइजेशन कैसे होगा, नॉर्मलाइजेशन क्या होता है, Patwari Result Normalization Kaise hoga राजस्थान कर्मचारी चयन द्वारा आयोजित पटवारी परीक्षा 2021 का रिजल्ट जारी करने से पहले एक प्रेस नोट जारी कर पटवारी रिजल्ट मे नॉर्मलाइजेशन कर रिजल्ट जारी करेगा । आपको बता दे पटवारी परीक्षा 23-24 अक्टूबर 2021 को चार शिफ्टों मे आयोजित हुई । ऐसे मे सभी पारियों मे अलग अलग पेपर दिया गया । सामान्य सी बात है प्रत्येक पारी मे पेपर का लेवल कठिन – सरल होता है । इसलिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया (Patwari Result Normalization Process) के अनुसार रिजल्ट जारी करने की घोषणा की ।

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Patwari Result Normalization Process : नॉर्मलाइजेशन क्या होता है ?

Normalization का हिंदी अर्थ अंको के सामान्यीकरण की प्रक्रिया । पिछले कई वर्षों से विद्यार्थियों के द्वारा आयोगों से शिकायत की जा रही थी की कई Shifts में एग्जाम का लेवल बहुत ही सरल था अतः उस शिफ्ट के छात्रों के द्वारा दिए गये समय सीमा में अत्यधिक Questions को हल करने में सफल थे  । परंतु अन्य Shift में Questions का लेवल बहुत ही कठिन था और उस Shift के स्टूडेंट्स मेहनत करके भी अत्यधिक क्वेश्चन हल नहीं कर सके ।

आयोगों ने इस बात की गहराई से जांच की और इस बात को गंभीरता से लिया और इस साल जारी विज्ञापनों में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू कर दिया । देश भर में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे CAT, MAT, GET, UPSI ,UPPET, IBPS, रेलवे भर्ती की सभी परीक्षाओं जैसे ग्रुप D, NTPC आदि परीक्षाओं में Normalization की प्रक्रिया को लागू कर दिया गया है ।

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया : परीक्षा अंकों को नॉर्मलाइजेशन कैसे किया जाता है ?

विद्यार्थियों ने लगातार आयोग से शिकायत की की कई शिफ्टों में परीक्षा का स्तर बहुत सरल था, इसलिए उस शिफ्ट के विद्यार्थी दी गई समय सीमा में अधिक प्रश्नों को हल करने में सक्षम थे। लेकिन कुछ शिफ्टों में, प्रश्नों का स्तर लंबा और कठिन था और उस शिफ्ट के विद्यार्थी मेहनत कर भी अधिक प्रश्न नहीं हल कर सकें। बोर्ड ने इस बात को गंभीरता से लिया और पटवारी परीक्षा के लिए जारी की गई रिक्तियों के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया (अंकों के सामान्यीकरण की प्रक्रिया) (Patwari Result Normalization Process) को लागू कर दिया है। जिससे सभी विद्यार्थियों के साथ न्याय हो सके।

आइए अब हम सबसे पहले यह जान लेते हैं की नॉर्मलाइजेशन की जरुरत क्यों पड़ी और नॉर्मलाइजेशन को किस विधि से आसानी से समझा जा सकता है?

नॉर्मलाइजेशन की जरुरत क्यों पड़ी

यदि कोई परीक्षा कई दिनों में होती है तो उसमें हर दिन अलग-अलग पेपर आता है। ऐसे में उम्मीदवारों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि हमारी पाली में जो पेपर आया वो कठिन था। दूसरी पाली में सरल था। बस इसी शिकायत को आधार बनाकर ‘नॉर्मलाइजेशन’ की शुरुवात कर दी गई।

क्या होता है ‘नॉर्मलाइजेशन’ पद्धति में

नॉर्मलाइजेशन सिस्टम के तहत पेपर कितना कठिन था इसका स्तर तय किया जाता है। इसके आधार पर अंक निर्धारित कर दिए जाते हैं। मान लीजिए, परीक्षा के पहले दिन पेपर कठिन था तो अनुमान लगा लिया गया कि इस ​पेपर में यदि कोई 70 नंबर भी ले आया तो उसे 100 नंबर मान लिया जाएगा। जबकि दूसरे दिन पेपर बहुत सरल था तो इसका उल्टा कर दिया जाएगा। 100 नंबर लाने वाले को 70 नंबर मान लिया जाएगा।

How will normalization happen in Patwari Result? नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को समझे सरल रूप में

आइए अब हम माध्य विधि से यह समझने का प्रयास करते हैं, कि नॉर्मलाइजेशन को कैसे सबसे आसानी से समझा जा सकता है-

पटवार परीक्षा 4 चरणों मे आयोजित हुई । इसका मतलब 4 पेपर आयोजित हुए । चारों पारियों मे पेपर भी अलग अलग है और अभ्यर्थी भी अलग अलग है । ऐसे मे हम नीचे दी गई टेबल के अनुसार नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया समझते है ।

Shift 1 & 2 Date: 23/10/2021

CandidatesMarksMarks
Candidates 16075
Candidates 24580
Candidates 35565
Candidates 45878
Candidates 57072
Candidates 65054
Candidates 76260
Candidates 86649
Candidates 95461
Candidates 106066

Shift 1 & 2 Date: 24/10/2021

CandidatesMarksMarks
Candidates 19092
Candidates 28588
Candidates 39252
Candidates 47879
Candidates 58561
Candidates 67078
Candidates 77687
Candidates 89463
Candidates 98065
Candidates 107875

अब मान लीजिए कि

  • शिफ्ट -1 के उम्मीदवार 60, 45, 55, 58, 70, 50, 62, 66, 54, 60 अंक प्राप्त करते हैं।
  • Shift -2 के उम्मीदवार 75, 80, 65, 78, 72, 54, 60, 49, 61, 66 अंक प्राप्त करते हैं।
  • शिफ्ट -3 के उम्मीदवार 90, 85, 92, 78, 85, 70, 76, 94, 82, 78 अंक प्राप्त करते हैं।
  • शिफ्ट -3 के उम्मीदवार 92, 88, 52, 79, 61, 78, 87, 63, 65, 75 अंक प्राप्त करते हैं।

पटवारी रिजल्ट मे नॉर्मलाइजेशन कैसे होगा ?

यहाँ पर उम्मीदवार प्रश्नपत्रों के स्तर के कारण अलग-अलग शिफ्टों में उम्मीदवारों के अंकों में भिन्नता देख सकते हैं। इसलिए, हम पहली शिफ्ट का माध्य ज्ञात करेंगे और वह 58 अंक होगा। फिर हम दूसरी शिफ्ट का माध्य ज्ञात करेंगे जो कि 66 अंक होगा। तीसरी शिफ्ट में, अंकों का माध्य 83 होगा । चौथी शिफ्ट मे अंकों का माध्य 74 अंक होगा । इस प्रकार शिफ्ट-3 के अंकों का माध्य 83 सर्वाधिक है । हम इसी माध्य को आधार बनाकर नॉर्मलाइजेशन करेंगे । शिफ्ट-1 और शिफ्ट-3 के माध्य के मध्य का अंतर 25 है। यदि हम पहली शिफ्ट के उम्मीदवार के अंकों में 25 अंक जोड़ देते हैं, तो नॉर्मलाइजेशन अंक होंगे, जो अब शिफ्ट-3 के अंकों के बराबर होंगे। अब शिफ्ट-1और शिफ्ट-3 के अंक बराबर होंगे।

उसी प्रकार, हम दूसरी शिफ्ट और तीसरी शिफ्ट के अंकों का नॉर्मलाइजेशन कर सकते हैं। शिफ्ट-2 और शिफ्ट-3 के माध्य अंक का अंतर 17 है, यदि हम शिफ्ट-2 के उम्मीदवारों के अंकों में 17 अंक जोड़ देते हैं, तो तो नॉर्मलाइजेशन अंक होंगे, जो अब शिफ्ट-3 के अंकों के बराबर होंगे। अब शिफ्ट-2 और शिफ्ट-3 के अंक बराबर होंगे।

उसी प्रकार, हम तीसरी शिफ्ट और चौथी शिफ्ट के अंकों का नॉर्मलाइजेशन कर सकते हैं। शिफ्ट-3 और शिफ्ट-4 के माध्य अंक का अंतर 9 है, यदि हम शिफ्ट-4 के उम्मीदवारों के अंकों में 9 अंक जोड़ देते हैं, तो तो नॉर्मलाइजेशन अंक होंगे, जो अब शिफ्ट-3 के अंकों के बराबर होंगे। अब शिफ्ट-4 और शिफ्ट-3 के अंक बराबर होंगे।

अब जैसा कि आप देख सकते हैं, यहाँ सभी शिफ्टों के अंक समान (सामान्यीकृत) हैं। तो हमारे अनुसार, यह नॉर्मलाइजेशन (सामान्यीकरण) (Patwari Result Normalization Process) को समझने का सबसे आसान तरीका है। इस विधि को माध्य विधि कहा जाता है। हम किसी विशेष शिफ्ट के सभी उम्मीदवारों के अंकों का माध्य ले सकते हैं, और अन्य शिफ्टों के उम्मीदवारों के अंकों के साथ इसकी तुलना कर सकते हैं, और फिर हम माध्य के अंतर को सबसे कम शिफ्ट के अंकों जोड़ते हैं।

Patwari Result Normalization Process : नॉर्मलाइजेशन के प्रमुख प्रभाव क्या है ?

  • जो उम्मीदवार ये सोचता है की उन्होंने ने अपनी पाली में न्यूनतम अंक प्राप्त किये है वे भी उच्च अंक प्राप्त कर सकते है.
  • जो उम्मीदवार सोचते है की उच्च अंक प्राप्त कर सकते है वे वास्तव में कम सामान्यकृत अंक प्राप्त करेंगे.
  • उम्मीदवारों का चयन भारत के सभी शासी बोर्डो के लिए बहुत तेज़ और आसान प्रक्रिया होगी.
  • कठिन और आसान स्तर के साथ परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को अब एक सामान मंच पर देखा जायेगा.
  • अलग अलग पारियो के आधार पर अब कोई भिन्नता नहीं होगी.

Q 1- नॉर्मलाइजेशन का अर्थ क्या होता है ?

Ans- Normalization प्रक्रिया के तहत पेपर कितना कठिन या आसान था इसका स्तर तय किया जाता है ।इसको आधार मानकर अंक दिए जाते है । मान ले Exam के प्रथम दिन पेपर कठिन था और उस एग्जाम में छात्रों ने बहुत ही कम क्वालीफाई किया है तो एक अनुमान लगा लिया जाता है की इस पेपर में यदि कोई विद्यार्थी 75 नंबर भी लाता है तो उसे 100 नंबर मान लिया जाएगा । परंतु यदि दूसरे दिन पेपर बहुत आसान आ जाए तो इसका उल्टा कर दिया जाता है । अर्थात 100 नंबर लाने वाले को 75 नंबर दे दिया जाएगा ।

Q 2- नॉर्मलाइजेशन से आप क्या समझते है ?

Ans- यदि मान ले Exam के प्रथम दिन पेपर कठिन था और उस एग्जाम में छात्रों ने बहुत ही कम क्वालीफाई किया है तो एक अनुमान लगा लिया जाता है की इस पेपर में यदि कोई विद्यार्थी 75 नंबर भी लाता है तो उसे 100 नंबर मान लिया जाएगा । परंतु यदि दूसरे दिन पेपर बहुत आसान आ जाए तो इसका उल्टा कर दिया जाता है । अर्थात 100 नंबर लाने वाले को 75 नंबर दे दिया जाएगा ।

आशा है आपको Rajasthan Patwari Bharti 2021 (Patwari Result Normalization Process) से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी। और यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना न भूलें।

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